श्री कृ ष्ण संगिनी यमुना ’
महारानी बिल्म्स एवं बिल्स गैलरी के िैनरतले िनी बिल्म
“श्री कृ ष्ण संबगनी यमुना को दशिकों का भरपूर प्यार और सराहना बमली . डॉ.
शबश बिहारी खंडेलवाल एवं श्याम उपाध्याय द्वारा बनबमित और डॉ. शबश बिहारी खंडेलवाल
द्वारा बनदेबशत , ये बिल्म श्री कृ ष्ण की चतुर्ि पटरानी श्री यमुना मैया के प्रथ्वी पर प्रकट
होने और अपने भक्ों के उद्दार करने की कर्ा कहती है.
यमुना सूयिदेव की पुत्री व यमराज की िबहन है .गोलोकधाम से प्रथ्वी पर प्रकट होने
के िाद उन्हें अपने िड़े भाई यमराज से त्रस्त प्रथ्वी वाबसयों का ददि और .नकि से आता
करुण स्वर सहा नहीं जाता .एक बदन अपनी िबहन के आमंत्रण पर यमराज उनके घर
भोजन के बलये आते हैंऔर उनसे उनका मनोरर् पूछते हैं यमुना कहती है बक आप ये
लोगों को यातना देना िंद कर दीबजये .यमराज कहते हैं बक –“ ये कायि तो मुझे स्वयं
बवधाता ने सोंपा है ,अत: ये तो मैं कभी िंद नहीं कर सकता ,हां इतना अवश्य कर
सकता हूँ बक भूतल पर जो भी कोई तुम्हारा वन्दन, अचिन और पूजन करेगा , तुम्हारे
जल में स्नान करेगा या जल पान भी करेगा तो वो सभी पापों से मुक् हो जायेगा और
मेरे भय से भी मुक् रहेगा . और बिर प्रारम्भ होती है यमुना मैया की अपने भक्ों बक
भक्तक् से प्रसन्न होकर उनके दुुः ख दू र करने की चमत्काररक कर्ाएं .गुंसाई जी
महाराज और उनके काल खंड में हुए यमुना मैया के कृ पा पात्र भक्ों की कर्ाएं
.कै से बकशोरी िाई ,मोहनदास ,माधवदास ,और अन्य भक्ों के जीवन में मैया की
कृ पा से सुख ही सुख व्याप्त हो जाता है .
पूणि रूप से यमुना मैया की मबहमा का गान करती है बिल्म “ श्री कृ ष्ण संबगनी
यमुना”. बिल्म के कलाकार हैं आकांक्षा पाल ( जो कि अभी सोनी िे धारावाहिि “ अहिल्या” मेंएि
अिम् किरदार हनभा रिी िैं ) , मनीष गगि ,नीलम कु मारी , अनुज भारद्वाज,हबषिता वमाि. एवं
अजय यादव, हियाांसी पलव . बिल्म में संगीत बदया है बनशांत कमल व्यास एवं बशवांग
उपाध्याय ने. लेखक डॉ. शबश बिहारी खंडेलवाल एवं वषाि उपाध्याय. बनदेशक : डॉ.
शबश बिहारी खंडेलवाल, बिल्म में शानदार बवजुवल इिे क्ट्स बदए हैं पोस्ट बलफ्ट स्टू बडयो
– अंशुल व्यास ने,छायाकार बदलशाद आलम, संपादन प्रणव पटेल , नृत्य बनदेशन जाक्तिन .
बिल्म का बिल्मांकन के.इ. वाय स्टू बड,तलासरी, पालघर वृजेश्वरी. गोकु ल
,िरसाना,मर्ुरा मुंिई में बकया गया है